Bhojn se hme takt milti hai.
हमे जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। भोजन से हमारे शरीर का विकाश होता है। भोजन हमे काम और खेलने की शक्ति देता है।
भोजन मानव और जानवर सभी के लिए जरूरी है। भोजन हमे पौधो और पशुओ से मिलता है। हम भोजन में फल ,सब्जियाँ ,दाल ,रोटी आदि खाते है। कुछ लोग मांस ,मछली और अंडो का सेवन करते है। छोटा बच्चा केवल दूध पीता है। भोजन दो प्रकार का होता है -मांसाहारी भोजन और शाकाहारी भोजन।
मछली ,अंडा और मांस मांसाहारी जो भोजन में आते है ,उन्हें मांसाहारी भोजन कहते है। जबकि फल ,और सब्जियाँ ,दाल ,चावल शाकाहारी भोजन के अन्तर्गत आते है।
हम दिन -भर में तीन बार भोजन करते है। सुबह का भोजन ' नाश्ता ' कहलाता है। दोपहर का भोजन 'लंच ' और रात के भोजन को 'डिनर ' कहते है।
हमे हमेशा ताजा भोजन खाना चाहिए। दूषित भोजन शरीर के लिए हानिकारक होता है।
1 >> हमे साफ और ताजा भोजन करना चाहिए।
2 >> फल और हरी सब्जियाँ शरीर के लिए लाभदायक है।
3 >>कुछ भोजन कच्चे और कुछ पकाकर खाए जाते है।
भोजन में ज्यादातर हरी ही सब्जी खानी चाहिए। भोजन खाने से पहले साफ अपने हाथ धो लेने चहिये। खाना खाने के बाद भी अच्छी तरह से हाथ धोने चाहिए। भोजन को चबा -चबा कर खाना चाहिए। भोजन करते समय बोलना नहीं चाहिए। रोटी के छोटे -छोटे टुकड़े बनाकर खाने चाहिए। भोजन कभी - भी पूरा पेट भर कर नहीं करना चाहिए। क्योकि भोजन पेट भर कर खाने से कभी -कभी लीवर कम काम करने लगता है। जापान के लोग शाम के 5 बजे के बाद कुछ भी नहीं खाते है। क्योकि 5 बजे के बाद वे लोग अच्छी तरह से अपने खाये हुए भोजन को पचा लेते है। इसीलिए वहाँ के लोग कम बीमार पड़ते है। भोजन करने का ये मतलब नहीं की आप अपना पेट भरे ,बल्कि भोजन का असली कार्य है शरीर को ऊर्जा देना और ऊर्जा जब ही मिलती है तब हम अच्छा भोजन करते है। शाम को भोजन करने के बाद थोड़ा घूमना चाहिए। क्योकि शाम को भोजन करने के बाद तुरंत नहीं लेटना चाहिए। क्यकि लेटने के बाद हर एक व्यक्ति सो जाता है ,उसके बाद क्या होता है ,कि जो हमने भोजन शाम को खाया था ,वह अच्छी तरह से पच नहीं पाता। कुछ भोजन कच्चे खाये जाते है जो कि कुदरती होते है वे शरीर के बहुत ही लाभदायक होते है। आजकल हर बीमारी का कारण सही से भोजन ना करना ही है। आजकल हर एक व्यक्ति आज की भागदौड़ जिंदगी में अपने शरीर का अच्छे से ध्यान नहीं रख पता है। हमारे देश में तो ज्यादातर लोग तरल भोजन ही ज्यादा पसंद करते है जो की हमारे शरीर के लिए हानिकारक है।
किसी के ये बताने की जरूरत नहीं की हम अच्छा भोजन करते है आप का चेहरा ही बता देता है की आप कैसा भोजन कर रहे हो। क्योकि आप के चेहरे पर चमक आ जाती है। भोजन को तो भगवान ने भी अलग तरह से बनाया है। जैसे की हर मौसम हर फल नहीं खाना चाहिए। जो भी मौसम चल रहा है ,उसी मौसम का फल खाना चाहिए। क्योकि आजकल कल कैमिकल डालकर हर मौसम में हर फल मिल जाता है क्योकि कैमिकल डालकर हर एक फल को पकाया जाता है और सब्जियों को भी।
ज्यादा तरल भोजन करने से हमारी आंतो में चिकनाई आ जाती है। जिससे की हमारी आंत काम नहीं कर पाती। कभी -कभी तरल भोजन करना चाहिए। ज्यादा नहीं करना चाहिए।
1 >> हमे साफ और ताजा भोजन करना चाहिए।
2 >> फल और हरी सब्जियाँ शरीर के लिए लाभदायक है।
3 >>कुछ भोजन कच्चे और कुछ पकाकर खाए जाते है।
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किसी के ये बताने की जरूरत नहीं की हम अच्छा भोजन करते है आप का चेहरा ही बता देता है की आप कैसा भोजन कर रहे हो। क्योकि आप के चेहरे पर चमक आ जाती है। भोजन को तो भगवान ने भी अलग तरह से बनाया है। जैसे की हर मौसम हर फल नहीं खाना चाहिए। जो भी मौसम चल रहा है ,उसी मौसम का फल खाना चाहिए। क्योकि आजकल कल कैमिकल डालकर हर मौसम में हर फल मिल जाता है क्योकि कैमिकल डालकर हर एक फल को पकाया जाता है और सब्जियों को भी।
ज्यादा तरल भोजन करने से हमारी आंतो में चिकनाई आ जाती है। जिससे की हमारी आंत काम नहीं कर पाती। कभी -कभी तरल भोजन करना चाहिए। ज्यादा नहीं करना चाहिए।
parveen mander blogger |
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