Pdose
हमे अपने पड़ोसी की सहायता करनी चाहिए। इस कहानी में हमने यही बताने की चेस्टा की है।
न यमुना दी के किनारे आम का
एक पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत मीठे आम लगे थे। उसी पेड़ पर खोखल में एक तोता रहता था। वह दिनभर पेड़ के आम खाता और मस्त रहता। कुछ चीटियां पेड़ के नीचे बिल बनाकर रहती थी। वे तोते द्वारा फेके गए आमो औ
र गुठलियो का रस चूसकर खुश रहती थी। इस तरह तोते और चीटियों में मित्रता हो गयी थी।
एक दिन नदी
में बाढ़ आ गई। तोते ने चीला -चिल्लाकर चीटियों को सावधान किया। उसने उनसे बिल से निकलकर पेड़ पर चढ़ आने को कहा। चीटियों ने ऐसा ही किया। किन्तु पेड़ पर चढ़ते समय एक चींटी फिसलकर पानी में गिर गयी और बहने लगी।
तोता यह सब देख रहा था। उसने तुरंत पेड़ से एक पता तोड़कर चींटी के पास नदी के पानी में डाल दिया। चींटी धीरे -धीरे पत्ते पर चढ़ ग
ई। तोते ने चोंच से पत्ते को उठाया और उसे लेकर पेड़ की और उड़ गया। चींटी की जान बच गई।
एक दिन चींटी अपने बिल के आस -पास घूम रही थी। उसने देखा की एक बहेलिया तोते को पकड़ने के लिए अपना जाल उसकी और बढ़ा रहा है। तोते को इस बात का कोई ध्यान नहीं था। चींटी तेजी से आगे बढ़ी और बहेलिए के पै र पर जोर से काटा। बहेलिया दर्द से बिलबला उठा और जाल हाथ से छूट गया।
चीख़ सुनकर तोते ने नीचे देखा ,उसकी समझ में तुरंत सारी बात आ गई और उड़कर वह दूर चला गया। बहेलिया तोते को
देखता रह गया।
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