criket
क्रिकेट आजकल युवावो का सबसे प्रिय खेल बन गया है। इस कहानी में इस खेल के बारे में बताया गया है।
पढ़ने -लिखने के साथ -साथ छात्रों के लिए खेल -कूद भी अत्यंत आवश्य्क है। खेल -कूद से शरीर स्वस्थ स्फूर्तिमय रहता है। खेलो में गेंद के अनेक खेल प्रचलित है। हॉकी ,क्रिकेट ,फुटबॉल ,वॉलीबाल ,टेनिस आदि खेलो में किसी न किसी रूप में गेंद का ही प्रयोग होता है। आजकल क्रिकेट का खेल संसार में अत्यंत लोकप्रिय खेलो में है। पुरे वर्ष कही न कही क्रिकेट के मैच होते रहते है।
छात्रों और युवको में तो लोकप्रियता का कोई ठिकाना ही नहीं है। जब क्रिकेट मैच का आँखो देखा हाल प्रसारित होता है तो लोग रेडियो और टीवी से चिपके रहते है।
क्रिकेट का जन्म इग्लैंड में हुआ था। धीरे -धीरे इसके नियम बनते गए। इग्लैंड में पहला नियमबद्ध मैच सन 1700 में हुआ। इग्लैंड के बाद यह खेल ऑस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैंड ,दक्षिण अफ्रीका तथा वेस्ट इंडीज आदि देशो में भी लोकपिर्य हो गया। भारत में क्रिकेट का आरम्भ सन 1792 में माना जाता है। भारत और इग्लेंड के बीच पहला मैच सन 1932 में हुआ। सन 1934 में रणजी ट्रॉफी नाम से भारत एक क्रिकेट प्रतियोगिता प्रारंभ हुई।
क्रिकेट का खेल बड़े मैदान या ेस्टेडियम में खेला जाता है। इस खेल में दो टीम भाग लेती है। प्रत्येक टीम में 11 -11 खिलाडी भाग लेते है। मैदान के बीच में एक खेल -पटटी का निर्माण किया जाता है। इसे पिच कहते है। पिच के दोनों सिरों पर बीच में लकड़ी के तीन -तीन गोल डंडे गाड दिए जाते है। इनको "स्टम्प " कहते है। डंडो के सिरों पर दो -दो गिलिया रख दी जाती है। ये दोनों मिलकर "क्रिकेट "कहे जाते है। क्रिकेट की गेंद बहुत मजबूत होती है। इसके बल्ले और गेंद की नाप -तोल निश्चित होती है। क्रिकेट के मैच दो प्रकार के होते है। एक टेस्ट मैच जो तीन या पांच दिन का होता है और दूसरा एकदिनी मैच। खेल प्रारम्भ करने के लिए सिक्का उछालकर पहले खेलने वाली टीम का निर्णय किया जाता है।
इसे टॉस कहते है। "टॉस " जितने वाली टीम को पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का निर्णय करने का अधिकार होता है। टेस्ट मैच में प्रत्येक टीम की दो परिया खेलनी होती है।
प्रत्येक टीम का एक कप्तान होता है। वह टीम के खिलाड़ियों के खेलने के क्रम ,गेंदबाजी के ढंग तथा छेतरकसण आदि के बारे में आवश्य्क निर्देश दिया करता है। खेल आरम्भ होने पर गेंदबाजी ( बॉलिंग ) करने वाली टीम का एक खिलाडी गेंद फेकता है और बाकी दस खिलाडी मैदान में फैलकर गेंद को रोकने ,लपकने आदि का काम करते है। एक खिलाडी विकेट के पीछे रहकर गेंद को लपकने की कोसिस करता है। इसे विकेटकीपर कहते है।
गेंदबाज खिलाडी विकेट को लक्ष्य बनाकर गेंद फेकता है और बल्लेबाज खिलाडी अपने बल्ले से गेंद को मारकर विकेट को लगने से बचाता है। गेंद को मरने के बाद बल्लेबाज खिलाडी और उसके सामने दूसरे विकेट पर खड़ा खिलाडी पिच के एक सिरे से दूसरे सिरे तक दौड़कर रन बनाते है। यदि बल्ले से मारी गयी गेंद मैदान की सीमा तक जा पहुंच जाती है तो बल्लेबाज को बिना दौड़े चार रन मिल जाते है। इसे चौका कहते है।
यदि गेंद सीधी सीमा के पार जाकर गिरे तो छ रन प्राप्त हो जाते है। इसे '' छक्का ''कहते है।
खेल में आउट होने के कई कारण हो सकते है। यदि गेंद विकेट से जा लगे या बल्ले से लगकर गेंद विपक्षी खिलाडी द्वारा लपक ली जाए या गेंद विकेट के सामने सिथित खिलाडी के पैर से टकरा जाए या रन लेते समय बल्लेबाज के विकेट की सीमा ( क्रीज )तक पहुँचने से पहले ही विपक्षी खिलाड़ी गेंद को विकेट में मार दे तो खिलाडी को आउट माना जाता है और उसके स्थान पर दूसरा खिलाडी बल्लेबाजी करने आता है।
गेंद फेकने वाला खिलाडी जब छ बार गेंद फेक लेता है तो उसे एक " ओवर " कहते है। एकदिन मैच में ओवरों की संख्या निश्चित होती है। खेल की देखरेख और निर्णय देने के लिए एम्पायर नियुक्त किये जाते है।
अम्पायर का निर्णय सभी को मानना पड़ता है। जब खेलने वाली टीम के सभी बल्लेबाज आउट हो जाते है तो दूसरी टीम बल्लेबाजी करती है और पहली टीम गेंदबाजी करती है। जो टीम अधिक रन बनाती है वह विजिय मानी जाती है।
कभी -कभी मैच अनिर्णीत या ड्रॉ भी हो जाते है।
आजकल क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेलो में गिना जाता है। विस्व की प्रमुख टीमों में ऑस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैंड ,दक्षिण अफ्रीका ,इग्लैंड ,भारत ,पाकिस्तान ,श्रीलंका आदि है।
भारत में क्रिकेट के अनेक अच्छे खिलाडी हुए है। इनमे पुराने खिलाड़ियों में रंजीत सिंह ( रंजी ) , दलीप सिंह ,सी के नायडू , नवाब पटौदी ,बजीर अली ,लाला अमरनाथ ,बीनू मंकड ,विजय हजारे ,विजय मर्चेट ,पटेल उम्रिगर ,कपिलदेव ,गावस्कर ,आदि तथा नए खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर ,अजहरुद्दीन ,मनोज प्रभाकर ,सौरभ गांगुली ,श्रीनाथ ,द्रविड़ आदि है।
छात्रों और युवको में तो लोकप्रियता का कोई ठिकाना ही नहीं है। जब क्रिकेट मैच का आँखो देखा हाल प्रसारित होता है तो लोग रेडियो और टीवी से चिपके रहते है।
क्रिकेट का जन्म इग्लैंड में हुआ था। धीरे -धीरे इसके नियम बनते गए। इग्लैंड में पहला नियमबद्ध मैच सन 1700 में हुआ। इग्लैंड के बाद यह खेल ऑस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैंड ,दक्षिण अफ्रीका तथा वेस्ट इंडीज आदि देशो में भी लोकपिर्य हो गया। भारत में क्रिकेट का आरम्भ सन 1792 में माना जाता है। भारत और इग्लेंड के बीच पहला मैच सन 1932 में हुआ। सन 1934 में रणजी ट्रॉफी नाम से भारत एक क्रिकेट प्रतियोगिता प्रारंभ हुई।
क्रिकेट का खेल बड़े मैदान या ेस्टेडियम में खेला जाता है। इस खेल में दो टीम भाग लेती है। प्रत्येक टीम में 11 -11 खिलाडी भाग लेते है। मैदान के बीच में एक खेल -पटटी का निर्माण किया जाता है। इसे पिच कहते है। पिच के दोनों सिरों पर बीच में लकड़ी के तीन -तीन गोल डंडे गाड दिए जाते है। इनको "स्टम्प " कहते है। डंडो के सिरों पर दो -दो गिलिया रख दी जाती है। ये दोनों मिलकर "क्रिकेट "कहे जाते है। क्रिकेट की गेंद बहुत मजबूत होती है। इसके बल्ले और गेंद की नाप -तोल निश्चित होती है। क्रिकेट के मैच दो प्रकार के होते है। एक टेस्ट मैच जो तीन या पांच दिन का होता है और दूसरा एकदिनी मैच। खेल प्रारम्भ करने के लिए सिक्का उछालकर पहले खेलने वाली टीम का निर्णय किया जाता है।
इसे टॉस कहते है। "टॉस " जितने वाली टीम को पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का निर्णय करने का अधिकार होता है। टेस्ट मैच में प्रत्येक टीम की दो परिया खेलनी होती है।
प्रत्येक टीम का एक कप्तान होता है। वह टीम के खिलाड़ियों के खेलने के क्रम ,गेंदबाजी के ढंग तथा छेतरकसण आदि के बारे में आवश्य्क निर्देश दिया करता है। खेल आरम्भ होने पर गेंदबाजी ( बॉलिंग ) करने वाली टीम का एक खिलाडी गेंद फेकता है और बाकी दस खिलाडी मैदान में फैलकर गेंद को रोकने ,लपकने आदि का काम करते है। एक खिलाडी विकेट के पीछे रहकर गेंद को लपकने की कोसिस करता है। इसे विकेटकीपर कहते है।
गेंदबाज खिलाडी विकेट को लक्ष्य बनाकर गेंद फेकता है और बल्लेबाज खिलाडी अपने बल्ले से गेंद को मारकर विकेट को लगने से बचाता है। गेंद को मरने के बाद बल्लेबाज खिलाडी और उसके सामने दूसरे विकेट पर खड़ा खिलाडी पिच के एक सिरे से दूसरे सिरे तक दौड़कर रन बनाते है। यदि बल्ले से मारी गयी गेंद मैदान की सीमा तक जा पहुंच जाती है तो बल्लेबाज को बिना दौड़े चार रन मिल जाते है। इसे चौका कहते है।
यदि गेंद सीधी सीमा के पार जाकर गिरे तो छ रन प्राप्त हो जाते है। इसे '' छक्का ''कहते है।
खेल में आउट होने के कई कारण हो सकते है। यदि गेंद विकेट से जा लगे या बल्ले से लगकर गेंद विपक्षी खिलाडी द्वारा लपक ली जाए या गेंद विकेट के सामने सिथित खिलाडी के पैर से टकरा जाए या रन लेते समय बल्लेबाज के विकेट की सीमा ( क्रीज )तक पहुँचने से पहले ही विपक्षी खिलाड़ी गेंद को विकेट में मार दे तो खिलाडी को आउट माना जाता है और उसके स्थान पर दूसरा खिलाडी बल्लेबाजी करने आता है।
गेंद फेकने वाला खिलाडी जब छ बार गेंद फेक लेता है तो उसे एक " ओवर " कहते है। एकदिन मैच में ओवरों की संख्या निश्चित होती है। खेल की देखरेख और निर्णय देने के लिए एम्पायर नियुक्त किये जाते है।
अम्पायर का निर्णय सभी को मानना पड़ता है। जब खेलने वाली टीम के सभी बल्लेबाज आउट हो जाते है तो दूसरी टीम बल्लेबाजी करती है और पहली टीम गेंदबाजी करती है। जो टीम अधिक रन बनाती है वह विजिय मानी जाती है।
कभी -कभी मैच अनिर्णीत या ड्रॉ भी हो जाते है।
आजकल क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेलो में गिना जाता है। विस्व की प्रमुख टीमों में ऑस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैंड ,दक्षिण अफ्रीका ,इग्लैंड ,भारत ,पाकिस्तान ,श्रीलंका आदि है।
भारत में क्रिकेट के अनेक अच्छे खिलाडी हुए है। इनमे पुराने खिलाड़ियों में रंजीत सिंह ( रंजी ) , दलीप सिंह ,सी के नायडू , नवाब पटौदी ,बजीर अली ,लाला अमरनाथ ,बीनू मंकड ,विजय हजारे ,विजय मर्चेट ,पटेल उम्रिगर ,कपिलदेव ,गावस्कर ,आदि तथा नए खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर ,अजहरुद्दीन ,मनोज प्रभाकर ,सौरभ गांगुली ,श्रीनाथ ,द्रविड़ आदि है।






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