niti ke dohe
जीवन के लिए उपयोगी बातो के बारे में संत -कवियों ने अनेक दोहे लिखे है। कुछ दोहे यहाँ दिए जा रहे है ,जो सरल तो है ही साथ ही उनमे एक विशेष संदेश भी है -
करता था सो क्यों किया ,अब करि क्यों पछताय।
बोया पेड़ बबूल का ,आम कहाँ ते खाय।
ऐसी बानी बोलिये ,मन का आपा खोये।
औरन को सीतल करे ,आपहुं सीतल होय।
माला फेरत जुग भया ,फिर न मनका फेर।
कर का मनका छाड़ि दे ,,मन का मनका फेर।
काल करे सो आज कर ,आज करे अब्ब।
पल में परलय होयगी ,बहुरि करोगे कब्ब।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लांगू पांय।
बलिहारी गुरु आपने ,जिन गोविंद दियो बताय।
ढाई आखर प्रेम का ,पढ़े सो पंडित होय।
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