Republic day
पहले महापुर्षो की बाते जानकर आप में भी देश के प्रति जोश पैदा हो जायेगा।
हमारे देश के महापुरुष और स्वंत्रता सेनानी के ऐसे नारे जो आपको जोश से भर देंगे और इस बात का एहसास करायेंगे ,कि उन्हें की मेहनत है जो आज हम इस लोकतांत्रित देश में आजादी जी पा रहे है।
भारत
हम जब भी आजादी की बात करते है सबसे पहले हमारे मन में उन महापुरषो का नाम सबसे पहले आता है ,जिनके एक नारे ने देश की आजादी की लड़ाई में क्रांति ला दी ,या फिर यूं कहे कि उनके विचार और उनकी जिद ही थी जो आज हम सभी आजादी से अपनी जिंदगी जी पा रहे है। अगर हमारे देश में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ,महात्मा गाँधी और चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरषो और स्वंत्रता सेनानी न होते तो शायद ही हम इस स्वंत्रता राष्ट्र में साँस ले सकते ,तो चलिए रिपब्लिक डे पर हम आपके लिए लेकर आये है। हमारे देश के महापुरुष और स्वंत्रता सेनानी के ऐसे नारे जो आपको जोश से भर देंगे और इस बात का एहसास करायेंगे ,कि यह उन्ही की मेहनत और लगन है जो आज हम इस लोकतांत्रिक देश में आजदी से जी पा रहे है।
जय हिंद : नेताजी सुभाष चंद्र बोस -देश भगती का प्रतीक और भारत की विजय का प्रतीक 'जय हिंद 'का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एक युद्ध घोष के रूप में दिया था ,जिसके बाद यह देशभगति का प्रतीक बन गया और पुरे भारत देश में प्रचलित हो गया। अकेला आदमी भी जोर लगाए तो पूरे देश की किस्मत बदल सकता है।
"तुम मुझे खून दो ,मै तुम्हे आजादी दूंगा "नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह नारा आज भी लोगो के रोंगटे खड़े कर देता है ,बता दे जुलाई 1944 में जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपनी "आजाद हिंद फौज " के साथ वर्मा पहुंचे थे ,तब उन्होंने यही "तुम मुझे खून दो ,मै तुम्हे आजादी दूंगा "का नारा दिया था।
"अब भी जिसका खून नहीं खौला ,खून नहीं वो पानी है ,देश के काम न आये वो बेकार जवानी है। " चंद्र शेखर आजाद -युवाओ को देश के प्रति जागरूक और कुछ भी कर गुजरने का संदेश देने वाला यह नारा देश के उस स्वंत्रता सेनानी की है ,जिसने कभी भी अंग्रेजो के सामने अपना सिर नहीं झुकाया था। यहां तक की मौत को सामने देखकर भी वह घबराए नहीं और ख़ुशी -ख़ुशी देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी ,जी हां हम बात कर रहे है चंद्रशेखर आजाद की। जिन्होंने आजादी की लड़ाई के समय ,अब भी जिसका खून नहीं खौला ,खून नहीं वो पानी है ,देश के काम न आये वो बेकार जवानी है "का नारा दिया था। पहली महिला स्वंत्रता सेनानी जिन्होंने अग्रेजो के हौसले किये थे पस्त ,विदेश में लहराया था भारत का झंडा। भारत छोड़ो :युसूफ मेहरली -बता दे युसूफ मेहरली ही वह शख्स थे जिन्होंने 'भारत छोड़ो ' का नारा दिया था। जिसे बाद में गाँधी जी ने 1942 में आजादी की लड़ाई में छेड़ गए। आंदोलन में इस्तमाल किया था। 23 सितंबर 1903 को जन्मे युसूफ मेहरली भारतीय स्वंत्रता संघर्ष के अग्रणी नेताओ में थे। आजादी के आंदोलन के दौरान वह आठ बार जेल भेजे गए। "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है ,और मै इसे लेकर रहूंगा" यह नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया था। बता दे उनका यह उदेश आजादी लड़ाई के समय काफी लोकपिर्य हुआ था। बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ था। बता दे कि तिलक भारत के एक प्रमुख नेता ,समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे ,वह ऐसे प्रमुख व्यक्ति थे,जिन्होंने युवाओ की शिक्षा पर जोर दिया और साथ ही साथ समाज के सभी वर्गो के लोगो को संगठित किया।
"जय जवान ,जय किसान :लाल बहादुर शास्त्री ,भारत का प्रसिद्ध नारा 'जय जवान ,जय किसान '1965 में भारत -पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाला बहादुर शास्त्री ने दिया था।
"सरफ़रोशी की तमना अब हमारे दिल में है ,देखना है जोर कितना बाजुए -कातिल में है "--रामप्रसाद बिस्मिल - रामप्रसाद बिस्मिल ने यह नारा भारतीय स्वंत्रता संग्राम के नौजवान स्वत्रंता सेनानियों के लिए संबोधित गीत के रूप में लिखा था।
"जय जवान ,जय किसान :लाल बहादुर शास्त्री ,भारत का प्रसिद्ध नारा 'जय जवान ,जय किसान '1965 में भारत -पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाला बहादुर शास्त्री ने दिया था।
"सरफ़रोशी की तमना अब हमारे दिल में है ,देखना है जोर कितना बाजुए -कातिल में है "--रामप्रसाद बिस्मिल - रामप्रसाद बिस्मिल ने यह नारा भारतीय स्वंत्रता संग्राम के नौजवान स्वत्रंता सेनानियों के लिए संबोधित गीत के रूप में लिखा था।
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