Bhart ke dharmik tyohar
भारत में अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते है जिनमे दशहरा ,दीपावली ,क्रिसमस ,ईद ,तथा गुरुपर्व प्रमुख रूप से मनाए जाते है।
यही कारण है कि भारत को त्योहार का देश माना जाता है।
( दशहरा )
दशहरा विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह हिन्दुओ का प्रमुख त्योहार है। यह अशविन महीने की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस दिन रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण को मारा था। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसी ख़ुशी में दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन जगह -जगह मेले लगते है। मेलो में रावण ,कुंभकरण और मेघनाद के बड़े -बड़े पुतले जलाए जाते है। यह देखकर सब लोग खुश होते है। मेले में बच्चे मिठाई और खिलौने खरीदते है। ख़ुशी -ख़ुशी घर आते है। इसी पर्व पर काली माता या दुर्गा देवी की भी पूजा होती है।
( दीपावली )
दीपावली हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है। यह कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम 14 सालो के वनवास के पशचात अयोध्या वापस आए थे। यह त्योहार दशहरे के 20 दिन बाद आता है। इस त्योहार से कुछ दिन पहले ही लोग घरो की सफाई और रंगाई -पुताई करते है। इसी दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग दीये जलाते है। बच्चे पटाखे और फुलझड़ियाँ छुड़ाते है, व अपने घरो को सजाते है। लोग अपने दोस्तों और रिस्तेदारो को मिठाई खिलाते है। वे नए कपड़े पहनते है। दीपावली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है।
( क्रिसमस )
क्रिसमस ईसाइयो का प्रमुख त्योहार है। यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। कहते है इस दिन ईसा -मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन ईसाई लोग क्रिसमस के पेड़ो को सजाते है। गिरजाघरों में विशेष प्राथना -सभाओ का आयोजन किया जाता है ,बच्चे क्रिसमस के गीत गाते है। बच्चो को उपहार दिए जाते है। आधी रात के समय बड़ा भोज होता है।
( ईद -उल -फितर )
ईद -उल -फितर मुसलमानो का प्रमुख त्योहार है। ईद से पहले मुसलमान महीने भर रोजा रखते है। ईद के दिन वे मस्जिदों और ईदगाह में नमाज पढ़ने जाते है। इस दिन वे नए -नए कपड़े पहनते है। गले मिलकर वे एक -दूसरे को ईद मुबारक कहकर शुभकामनाऐं देते है। वे घर में सेवई नाम की विशेष खीर बनाते है। इस दिन ईदगाह पर मेले भी लगते है। बच्चे मेले का आनद लेते है। खिलौने व मिठाइयाँ खरीदते है।
( गुरुपर्व )
गुरुपर्व सिक्खो का प्रमुख त्योहार है। यह हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा को बड़ी धूम -धाम से मनाया जाता है। इस दिन सिक्खो के पहले गुरु गुरुनानक जी का जन्म हुआ था। इस दिन सिक्ख लोग गुरुद्वारे जाते है। वे अपनी पवित्र किताब गुरुग्रंथ साहिब के सामने बैठकर प्राथना करते है। इस दिन जुलुस निकाले जाते है। तथा गरीबो को लंगर में भोजन बाँटा जाता है।
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