Uttr bhart ka upjau medan

भारत के ह्रदय स्थान के रूप में विख्यात हिमालय पर्वत से लगा हुआ भारत का उत्तरी मैदान संसार के सबसे उपजाऊ मैदान में से एक है। 

उत्तर भारत का उपजाऊ मैदान इसका निर्माण नदियों द्वारा लाई गई मिटटी के जमाव से हुआ है। भारत की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति का विकास इसी मैदान पर हुआ। उत्तराखंड ,झारखंड ,पंजाब ,बिहार हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,बंगाल ,आसाम प्रदेश इस मैदान के अंग है। इस मैदान की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 2500 किलोमीटर है और उत्तर से दक्षिण की चौड़ाई लगभग 150 से 300 किलोमीटर के बीच है। 
       इस मैदान में अनेक नदियाँ बहती है जो इस मैदान को उपजाऊ बनाती है। इसी आधार पर मैदान को तीन भागो में बांटा जाता है -

( 1 ) सतलुज जल क्षेत्र  ( बेसिन ) . 

( 2 ) गंगा जल क्षेत्र। 

(3 ) ब्रह्मपुत्र जल क्षेत्र। 

1 सतलुज जल क्षेत्र

क्या आप जानते है कि जल क्षेत्र क्या होता है ? जल क्षेत्र उस क्षेत्र को कहते है जोकि किसी नदी अथवा उसकी सहायक नदियों द्वारा सींचा जाता है। दिल्ली का पश्चिम मैदानी भाग सतलुज जल क्षेत्र कहलाता है। सतलुज और उसकी सहायक नदी व्यास इस जल क्षेत्र को सींचती हुई अरब सागर  में जो मिलती है। पंजाब और हरियाणा के राज्य इस जल क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में प्रयाप्त वर्षा नहीं होती। इसलिए सिंचाई के लिए नहरे ,टुबेल खोदे गए है। गेंहू इस जल क्षेत्र की मुख्य फसल है। चावल ,गनना तथा चने इस जल क्षेत्र की अन्य महत्वपूर्ण  फसले है। इस क्षेत्र के गांव अत्यंत समृद्ध है। सतलुज जल क्षेत्र के प्रसिद्ध नगर है। अमृतसर ,जालंधर ,लुधियाना ,चंडीगढ़ तथा अंबाला। इस क्षेत्र के लोग बहादुर और मेहनती है। 

2 गंगा जल क्षेत्र 

गंगा का मैदान मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश ,बिहार तथा पश्चिम बंगाल प्रदेश में स्थित है। गंगा नदी की लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। इसका उद्ग्म -स्थल हिमालय पर्वत का गोमुख नाम का पर्वत है। अलखनंदा ,भागीरथी ,यमुना ,घाघरा ,गोमती तथा कोसी इसकी मुख्य सहायक नदियाँ है। गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। गंगा के किनारे भारत के अनेक प्रसिद्ध नगर बसे है। जिनमे कानपुर ,पटना ,इलाहबाद वाराणसी ,हरिद्वार आदि है। इलाहबाद में गंगा नदी के साथ संगम अथवा त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। यहाँ कुंभ का प्रसिद्ध मेला लगता है। जिसमे करोड़ो का जनसमूह एकत्रित होता है। हिमालय से निकलने वाली नदियों में वर्षभर जल रहता है ,जिस कारण इस क्षेत्र में खेती अधिक  होती है। 
गेहूं ,चावल ,गन्ना ,कपास और सब्जियाँ आदि यहाँ की प्रसिद्ध फसले है। पश्चमी बंगाल में रेत ,मिटटी व अन्य अवसाद जमाव के कारण गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का डेल्टा संसार का सबसे बड़ा 'डेल्टा ' कहलाता है। रेत ,मिटटी व अन्य अवसाद के कारण नदी का पानी कई धाराओं में बँट जाना ही डेल्टा कहलाता है। इससे नदी में टापू बन जाते है। 

3 ब्रह्मपुत्र जल क्षेत्र 

ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय पर्वत में स्थित मानसरोवर झील से निकलती है जो असोन की घाटी में पश्चिम की ओर बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। चावल व पटसन इस क्षेत्र  की प्रसिद्ध फसले है। ओसम में इस नदी को 'साँपो ' नदी भी कहते है। 

                                                            जलवायु 

उत्तरी मैदान की जलवायु परिवतर्नशील है। यहाँ तीन ऋतुएँ पाई जाती है -सर्दी ,गर्मी तथा बरसात। जून वर्ष का सबसे गर्म व जनवरी सबसे ठंडा  महीना होता है। वर्षा ,मानसूनी हवाओ के फलस्वरूप जून से सिंतबर तक होती है। इस क्षेत्र की अधिक आबादी खेती व उससे संबंधित कार्यो में लगी है। इस भाग में ग्रामीण जनसंख्या अधिक है जो लगभग 74 % है। ऋषिकेश ,हरिद्वार ,इलाहाबाद ,मथुरा ,वाराणसी आदि हिन्दुओ के पवित्र स्थान इसी क्षेत्र में है। 
( 1 ) जहाँ कोई नदी छोटे -छोटे द्वीप बनाती है और कई धाराओं में बँट जाती है ,वह क्षेत्र डेल्टा कहलाता है। 
(2 ) यमुना का उद्गमस्थल यमनोत्री ,गंगोत्री के पास ही है। हिमालय पर्वत भारत के लिए बहुत उपयोगी है। यह प्रहरी के रूप में उत्तरी सीमा पर प्राकृतिक दीवार का कार्य करता है। हिमालय पर्वत मानसूनी हवाओ को रोककर भारत के उत्तरी व पूर्वी में वर्षा कराता है। हिमालय से हमे अनेक लाभदायक जड़ी -बूटियाँ व लकड़ी प्राप्त होती है। 

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