Kam se nam
हम सभी बड़ा व प्रसिद्ध व्यक्ति बनना चाहते है किंतु इसके लिए मार्ग का चुनाव कैसे करे ? इसी बात पर प्रकाश डाला गया है।
रमेश जब भी किसी प्रसिद्ध अभिनेता ,खिलाडी ,वैज्ञानिक अथवा कलाकार को पुरस्कार या सम्मान पाते देखता तो उसका मन भी ललचा उठता। काश !कभी वह भी इतना बड़ा आदमी बन सके। वह अनेक कल्पनाओ में खोया रहता। कभी -कभी उसे लगता कि उसने कुछ ऐसी नई खोज की है कि चारो ओर उसके नाम की धूम मच गई है। इसी प्रकार के अनेक सपनो में वह लीन रहता।
शिल्पा दीदी बहुत दिनों से यह सब देख रही थी कि रमेश किताबो आगे रखकर कुछ सोचता रहता है। एक दिन उन्होंने उससे पूछ लिया --" रमेश , क्या सोच रहे हो,,,,,,?"
रमेश >> कुछ नहीं दीदी।
शिल्पा>>नहीं ,मुझसे कुछ छिपाओ नहीं ,शायद कोई समाधान मिल जाए।
रमेश>> दीदी,मै कुछ ऐसा करना चाहता हूँ कि मेरे नाम की धूम मच जाए। न्यूटन ,सचिन तेंदुलकर ,अमिताभ बच्चन या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तरह ही चारो ओर मेरा यश फैल जाए। ......
सुनकर शिल्पा दीदी मुस्कराई। रमेश थोड़ा रूठ गया। उसे लगा कि दीदी उसका मजाक बना रही है पर दीदी बड़े प्यार से बोली --
" रमेश ! सपने देखना बुरी बात नहीं है पर इन सब लोगो ने केवल एक बात पर ही ध्यान दिया कि उनकी रूचि क्या है। फिर ये सब उसी काम में पूरी तरह डूब गए। इन्होने नाम के लिए काम नहीं किया। बस काम करते रहे पर इनसे काम इतना अच्छा हुआ कि अपने -आप ही इनका नाम हो गया। "
"काम -नाम....... मै कुछ समझा नहीं ,दीदी। "
"देखो ,सबसे पहले हमे समझना होगा कि हमे क्या करना पसंद है ?पढ़ना ,खेलना ,चित्रकारी करना ,अभिनय करना या कुछ और। .. फिर हमे पूरे मन से केवल उसी में ध्यान देना होगा।
उसमे ध्यान देने से हमे उस काम में इतना आनद आएगा कि हम और सब बातो को भुला देंगे। उस काम में हम जितने निपुण होते जाएँगे ,उतना ही आगे बढ़ते जाएँगे। हाँ !हमे काम धीरज ,ईमानदारी व सच्चाई से करना होगा। " दीदी ने समझाया रमेश सुनकर खुश हुआ। तब वह काम से नाम का राज जान चुका था।
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