माँ बाप की सेवा ही असली सेवा है। सारे तीर्थ एक और माँ बाप के सेवा एक और है। श्रवण कुमार कितने महान थे ,जिन्होंने अपने माँ बाप की सेवा की। अगर हमे जीवन ही नहीं मिलता तो हम कैसे देख पाते इस दुनिया के रंग को। हम सभी जब छोटे होते है ,तो माँ बाप को बहुत परेशान करते है ,लेकिन जब हम बड़े होते है तो उनकी बाते हमे बुरी लगती है। ऐसा क्यों है इस संसार में जब कि ये तो हम सभी को पता है की एक दिन हमे भी किसी के माँ बाप बनना है। अरे भाई सबसे बड़े भगवान तो हमारे माँ बाप है। तो क्यों ना हम उनकी इच्छा पूरी करे। उनकी इच्छा भी बस हमारी ख़ुशी में ही है ,अगर हम खुश तो हमारे माँ बाप भी खुश हो जाते है। फिर क्यों इस दुनिया की झूठी बातों में आकर हम तीर्थ करे। मेरे हिसाब से तो सबसे पहले माँ बाप के पैर छुओ और तब दिन का कोई कार्य करो। अगर हमारा मन किसी की सेवा में लगता है तो हमारा जीवन भी सरल और अच्छा व्यतीत लगने लगेगा। जो भी भाई अपने माँ बाप की सेवा करता है। वही असली जिंदगी जीता है क्योकि माँ बाप के पैरो में जो जनत होती है वो और कही नहीं हो सकती। माँ बाप सदा ये सोचता है ...
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