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Jo kismt me hota hai vh jroor milta hai .

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एक बार की बात है कि एक आदमी बाजार गया था। उसने बाजार से सब कुछ खरीद लिया। अब उसे फल चाहिए थे वह फल की ठेली देख रहा था। अचानक उसे रास्ते में एक ठेली दिखी। उस ठेली पर कोई भी नहीं Add caption दिखाई दे रहा था। उसने खूब इधर -उधर देखा लेकिन कोई भी नहीं दिखाई दिया। उसने ठेली के ऊपर एक पर्ची देखी जिस पर लिखा था कि मेरी माँ बीमार है उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है इसलिए मै अपनी माँ थोड़ी -थोड़ी देर में दवाइयाँ और उनको पेशाब करता हूँ। एक गता है ,उसमे फलो के रेट है। जिसे देखकर तुम जो चाहो जैसे चाहो फल के रेट के अनुसार पैसे रख सकते हो। दूसरे गत्ते के नीचे कुछ खुले पैसे रखेंगे होंगे। उसमे से अपने फलो के हिसाब से पैसे रख सकते हो। उसने देखा वाकई उसमे बहुत से रूपये रखे थे। उसने सोचा कि आज के जमाने में भी लोग इतना विशवास करते है। वह मन ही मन सोचने लगा की ऐसा कौन व्यक्ति है ,जो आज के समय में भी लोगो पर इतना विशवास करता है। वह आदमी ने भी  फलो के रेट के अनुसार पैसे गत्ते के नीचे रख दिए। और फल लेकर अपने घर चला गया। शाम को फिर बाजार आया और उस ठेली को देखने लगा उसने देखा कोई ठेली धकेले ले जा रहा है

Lalch ka fl bura hota hai .

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एक बार की बात है एक गरीब लड़का था। लड़के का नाम रमेश था। रमेश बहुत ही ईमानदार था व ईमानदार भी था। रमेश के पास पैसे नहीं थे उस ने सोचा जंगल में जाकर कुछ जड़ी -बूटी इकठा करके बाजार में बेचकर कुछ और व्यसाय करूंगा। वह जंगल में घूम रहा था ,घूमते -घूमते उसे बहुत जोर की पियास लगी तो वह कुँए के पास पहुंचा। जैसे -ही कुँए के पास पहुंचा तो उसे कुँए उसमे से हमे बचाओ हमे बचाओ की आवाजे आने लगी।                       रमेश ने कुँए में झाका तो उसमे एक सुनार और एक शॉप और एक बंदर व एक शेर वे सभी मदद  के लिए चिला रहे थे। रमेश को देखकर बोले भईया हमारी मदद करो। सारे आपस में झगड़ा करने लगे और पहले मुझे निकालो पहले मुझे निकालो बोलने लगे। रमेश बोला पहले मै पानी पीना चाहता हूँ। जब किसी की मदद करूंगा। रमेश ने कुँए में एक बाल्टी डाली और बोला पहले इसे भरो शेर ने वह बाल्टी भर दी। रमेश ने बाल्टी ऊपर को खींचकर पानी पी लिया। अब रमेश ने एक रस्सी कुँए में डाली और बोला जिसने मेरी मदद बाल्टी भरी थी वही सबसे पहले बाहर निकला। शेर ने रस्सी पकड़ ली और रमेश ने रस्सी को खींचकर शेर को बाहर निकाल दिया और रमेश से बोला धन्यवाद द

Krm hi fl hai .

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Add caption बहुत पुरानी बात है ,एक सेठ रहता था। वह बहुत बड़ा व्यापारी था। उसका व्यापार देश -विदेश में फैला हुआ था। उसके पास बहुत से नौकर -चाकर थे। उनमे से एक नौकर बहुत -ही ईमानदार था व मेहनती भी था। सेठ को एक लड़का भी था। वह बहुत ही शैतान था। वह दिनभर खेलता रहता था तथा जिद्दी भी बहुत था। एक दिन वह सेठ के साथ समुन्द्र के किनारे चला गया। वह सेठ जी से बोला पिताजी आप यह क्या कर रहे हो ?तो सेठ जी बोले ! बेटा 'मै यहाँ अपने जहाज का इंतजार कर रहा हूँ। वह बालक बोला चलो ना मेरे साथ खेलो ,सेठ जी बोले बेटा नहीं मै खेलने नहीं बल्कि अपना जहाज देखने आया हूँ। उसमे बहुत सारा सामान है। वह बालक बोला चलो कोई बात नहीं मै ही अकेला खेल लेता हूँ। इतना बोलकर वह बालक समुन्द्र के किनारे खेलने लगा। और खेलते समय वह समुन्द्र में जा गिरा ,समुन्द्र में गिरते हुए बालक ने बचाओ -बचाओ की आवाज लगाई। सेठ जी ने ध्यान से उसे देखा और चिल्लाने लगा। बचाओ कोई तो बचाओ मेरे बच्चे को। उसके पास उसका ईमानदार नौकर रामु खड़ा था। वह रामु से बोला देखते क्या हो ? मेरे बच्चे को बचाओ। इतने में रामु समुन्द्र में छलांग लगा दी। और सेठ जी

Hmesa apne privar ki mdd kro

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Add caption बहुत दिनों पुरानी कहानी है। एक गांव में रामू नाम का लड़का रहता था। रामू अपने परिवार में अकेला ही था कमाने वाला। रामू  के पिता की मृत्यु काफी दिन पहले हो गयी थी। रामू के घर में एक उसकी माँ और एक छोटा भाई था। रामू एक बड़े किसान की गये चराने  जाता था। रामु को गाने का बहुत शोक था। जब सुबह -सुबह रामु  किसान की गाय चराने जाता तो वह एक पेड़ के नीचे बैठकर पुरे दिन गाना गाता था। शाम को फिर गायो को लेकर वापिस किसान के पास ले जाता। किसान इस काम के उसको एक रुपया देता था। रामु उस रूपये से अपने परिवार का पालन -पोशण करता था। एक दिन रामु सुबह -सुबह गाये चराने जा रहा था। उसने गायों को चरना छोड़कर अपने बरगद के पेड़ की ओर चला। उसने देखा की एक लकड़हारा उस पेड़ को काटने में लगा हुआ है। उसे बहुत गुस्सा आया। रामु उस लकड़हारे को देखकर उसके मन में एक विचार आया। उसने सोचा कि इस पेड़ को मै कैसे बचाऊ। उसने लकड़हारे से कहा ! सुन लकड़हारे जो तू इस पेड़ को काट रहा है। इस पेड़ के नीचे बहुत पहले एक महान रिषि ने तप किया था। वह पूरा तप करने के बाद इस पेड़ को एक वरदान दिया था कि तुझे काटने वाला कोई नहीं होगा। अगर तु

PIPPL KE PED KI PUJJA

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इस कहानी में हमने ये बताने की चेस्टा की है। अच्छा खाने के साथ -साथ शरीर की देखभाल भी करनी चाहिए। रोज सुबह व्यायाम करना चाहिए क्योकि आप कभी भी बीमार नहीं पड़ोगे। खाना कभी भी पेट भर कर नहीं खाना चाहिए। ज्यादा खाना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है।  बहुत दिनों बाद एक सेठ को एक बच्चा हुआ। बच्चा शरीर में तकड़ा था। सेठ ने उस दिन सारे गांव वालो को दावत दी। सेठ की पत्नी बोली ! देखो ना हमारे बच्चे का किया नाम रखे। सेठ ने बच्चा अपनी गोद में लिया और बोला हमारे बच्चे का नाम पहलवान रखेंगे। उसकी पत्नी बोली ये नाम तो बहुत अच्छा है। हमारा बच्चा लगता भी पहलवान है। अब रोज घर में कई प्रकार के पकवान बनते और कई प्रकार की मिठाइयाँ भी बनती थी।                                                            अब रोज सेठानी अपने बच्चे को बहुत ज्यादा खिलाती थी। वह उसे पेट भरकर खिलाती और वह बच्चा भी पुरे दिन खाता रहता था। अब बच्चा बड़ा होने लगा था। पहलवान को अब चलने -फिरने में भी दिक्क्त होने लगी। जितना बड़ा हुआ उतना ही उसका पेट भी बाहर को निकलता जा रहा था।                                                       

Bhoot ka jngl

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इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में हमे शंघर्ष करना चाहिए। क्योकि संघर्ष ही है जो हमारे जीवन को सरल बनता है। कभी -भी मुश्किल समय से नहीं घबराना चाहिए। अपने सच्चे मन से भगवान को याद करे।  एक बार एक गांव में बहुत ही सूखा पड़ गयी थी। उस गांव में सारी फसले नष्ट हो गयी थी। उस गांव में चार मित्र रहते थे। उन चारो में बहुत प्रेम था। वे चारो मित्र आपस में बातचीत कर रहे थे। उन चारो मित्र का नाम राम ,श्याम ,रमेश और दिनेश था। वे चारो मित्र गांव की भलाई सोच रहे थे। राम बोला ! भाई मुझे तो लगता है कि हमारे गांव में बारिश इसलिए नहीं हो रही है कि हमारे गांव में किसी ने ज्यादा पाप कर रखा है। उन्होंने बातचीत से मसला निकला कि पास के गांव में एक मंदिर है। उसमे सारे चलकर पूजा करते है। शायद भगवान हमारी पुकार सुन ले और बारिश कर दे।                      राम ,श्याम  ,रमेश और दिनेश चारो मित्रो ने एक बैलगाड़ी ली और दूसरे गांव में पूजा के लिए निकल गए। उन चारो मित्रो ने उस गांव में पहुंचकर मंदिर में पूजा की और वापिस लौटने लगे। उन्हें अपने गांव में वापिस जाने में बहुत अँधेरा हो गया था,रास्ते में